Monday, October 17, 2011

राइट टु रिकॉल पर अन्ना के साथ आए नीतीश-यह जेपी के आंदोलन की उपज है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने के अधिकार की मांग सबसे पहले रखी 17 Oct 2011

राइट टु रिकॉल पर अन्ना के साथ आए नीतीश/(RIGHT TO REJECT OR NAPASANDI WILL BE MORE FEASIBLE OPTION!!!...WE DO HAVE EXAMPLES OF PRESENT TIME MANY SMALLER STATES AND ITS COALITION GOVERNMENT WHICH WERE FORMED POST J.P.MOVEMENT BUT SITUATIONS HAS LITTLE CHANGED NOW.EVEN JANTA PARTY GOVERNMENT THEN DIDN'T WORK FOR LONG.TODAY EVEN 1 OR 2 SEATS MATTERS AND LACK OF SUPPORT OF THEM FROM INSIDE OR OUTSIDE CAN MAKE GOVERNMENT FALL OR CAN DISTABLISE IT...SO THIS TOPIC DO NEED DEEP THOUGHT(SPECIALLY IN STATES LIKE GOA,NORTHEASTERN,PONDICHERY WHICH HAS LESS SEATS IN ASSEMBLY...ETC).

EVEN ANTI-DEFCTION LAW WAS MADE AND AMENDED BECAUSE OF IT.SUDHIRJI'S CARTOON WAS QUITE FAMOUS AND APT THEN "DEPICTING A MOUSE EATING CONSTITUTION",...SO WE DON'T LET ANY MOUSE EAT THE CONSTITUTION AND SHOULD TAKE DECISION THOUGHTFULLY.

PERSONALLY I FEEL,ANY PERSON SHOULDN'T BE GIVEN TICKET FOR ELECTION,IF HE HAS ANY SERIOUS CHARGES ON THEM.IF SOMEHOW THEY GOT TICKET...THEY SHOULDN'T LET GOT TO WIN.AND STILL SOMEHOW THEY WIN OR LATER ON DO GET INVOLVE IN ANY SERIOUS FINANCIAL CRIME/OTHER IRREGULARITIES/CRIMENAL ACTIVITIES ETC....SHE/HE MUST GET "RECALLED",AND MADE TO PASS SOME CRITIRIA/MAPPDAND/MANAAK AND MUST COME OUT CLEAN AS WELL TO GET ANOTHER CHANCE.SOME STRICT POINTS/CLAUSES/MEASURES SHOULD BE MADE TO NOT LET THEM GET CHANCE EASILY WITHOUT COMING OUT CLEAN...BUT DEFINITLY FAST TRACK TRIAL AND JUDGEMENT NEEDED HERE,SO THAT HERE THEIR CAREER SHOULDN'T GET END IN LATE 20'S OR EARLY 30'S!!...VT)

17 Oct 2011, 1813 hrs IST,पीटीआई



पटना।। टीम अन्ना के राइट टु रिकॉल की मांग का समर्थन करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि इससे लोकतंत्र मजबूत होगा। उन्होंने इसे लागू करने के लिए संविधान संशोधन करने का सुझाव दिया।

गौरतलब है कि एक दिन पहले ही मुख्य चुनाव आयुक्त एस. वाई. कुरैशी ने टीम अन्ना की मांग को खारिज करते हुए कहा था कि जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने और मतदान में प्रत्याशियों को खारिज करने के प्रावधान से देश में अस्थिरता आएगी।

पटना में मुख्यमंत्री आवास में आयोजित जनता दरबार के बाद नीतीश ने कहा कि सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के साथ सेवा का अधिकार कानून को जोड़ दिए जाने से लोकतंत्र और अधिक मजबूत बनेगा। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार कानून (आरटीआई) के दायरे को बढ़ाया जाना चाहिए और इसके प्रवाधानों को मजबूत किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने के अधिकार की मांग लोकतंत्र को मजबूत करने वाली है, जिसके लिए विचार-विमर्श करके रास्ता निकाला जाना चाहिए। नीतीश ने कहा, 'यह जेपी के आंदोलन की उपज है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों को वापस बुलाने के अधिकार की मांग सबसे पहले रखी थी, लेकिन इसके बाद जो सरकार बनी थी उसने भी उनकी इस मांग को पूरा नहीं किया।'

उन्होंने कहा कि वर्तमान में जो संवैधानिक व्यवस्था है उसके तहत इसका प्रावधान नहीं है, लेकिन इसके लिए रास्ता निकाला जाना चाहिए और अगर इस तरह की कोई गुंजाइश बनती है तो इसे लाया जाना चाहिए।

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