Wednesday, November 17, 2010

"बच्चों का नर्क" [HQ]-THIS NEWS IS SHOWN ON IBN7,IF THIS NEWS IS TRUE THEN PROPER ACTION SHOULD BE TAKEN IMMEDIATELY-18/11/10MY FACEBOOK -SOURCE)

"बच्चों का नर्क" [HQ]

क्या कहूँ ,अब कहने को कुछ रह ही नहीं गया है ,में ये विडियो पोस्ट नहीं करता लेकिन मजबूरन करना पड़ रहा है ,शायद बाकी न्यूज़ चैनलों ने तो दिखाया ही नहीं होगा ,क्यों ,कोई जवाब है आप लोगों के पास ,अरे कांग्रेस वालो कितना रूपया खाओगे ,अब बस भी करो ,भारत माँ को तो... 63 साल से बेच के खा रहे हो ,क्या 177 हजार करोड़ ,कॉमन वेअल्थ खेल में 75 हजार करोड़ ,और अन्य घोटाले का रुपया खा के चैन नहीं मिला या कम पड़ गए जो स्कूली बच्चों का धंदा करके और कमाना चाहते हो ,बेशर्मी की भी कोई हद होती है लेकिन तुम लोगों ने तो सारी हदों को पार कर दिय, देश की राजधानी दिल्ली में बच्चों के यौन शोषण का बहुत बड़ा रैकेट चल रहा है। वो भी कांग्रेस के एक कद्दावर नेता के प्रसाद नगर स्थित स्कूल से। बड़ी बात ये कि इस पूरे रैकेट की जानकारी दिल्ली पुलिस को है, सरकार को भी सब कुछ मालूम है लेकिन कोई कार्रवाई करने को तैयार नहीं। ये मामला कुछ दिन पहले कैब चालक की गिरफ्तारी से खुला था लेकिन सब कुछ दबा दिया गया। अब आईबीएन 7 के हाथ यौन शोषण के शिकार बच्चों की चिट्ठी लगी है। चिट्ठी से साबित होता है कि यौन शोषण में सिर्फ कैब ड्राइवर ही नहीं, स्कूल के टीचर भी शामिल हैं। चिट्ठी से साफ है कि यौन शोषण का शिकार सिर्फ तीन नहीं बल्कि सात और बच्चे हुए। बच्चे ने जो लिखा है वो इंसानियत को शर्मसार करने के लिए काफी है।दरअसल हंगामा मचने के बाद दबाव में आई दिल्ली सरकार ने यौन शोषण का शिकार हुए बच्चों को काउंसलिंग के लिए एक खास संस्थान में भेजा था। संस्थान में 25 दिनों तक लगातार इन बच्चों को उस सदमे से बाहर निकालने की कोशिश की गई। इसी दौरान पीड़ित बच्चों ने डॉक्टरों को बताया कि यौन शोषण करने वालों में सिर्फ कैब ड्राइवर ही शामिल नहीं थे स्कूल के तीन-चार छात्र भी इस हरकत में शामिल थे। यही नहीं, स्कूल के ही तीन-चार टीचर भी यौन शोषण में शामिल थे।काउंसलिंग के दौरान बच्चों ने खुलासा किया कि उन्हें शराब पिलाई जाती थी। इंजेक्शन लगाया जाता था और फोटो भी खींचे जाते थे। यहां ये भी गौर करना जरूरी है कि ये बच्चे जिस स्कूल में थे वहां 4000 से ज्यादा छात्र पढ़ते हैं और ये दिल्ली के प्रसाद नगर इलाके का नामी पब्लिक स्कूल है यानि भरोसा आप स्कूल की हैसियत और इमेज देखकर नहीं कर सकते। बच्चों ने ये भी बताया है कि यौन शोषण का ये सिलसिला दो महीने से नहीं बल्कि डेढ़ साल से चल रहा था। बच्चों को धमकी भी दी जाती थी कि अगर किसी को बताया को जान की खैर नहीं। यही नहीं जब मां घर पर नहीं होती तो वो घर पर भी आ धमकते थे। काउंसलिंग के दौरान बच्चों ने ये भी खुलासा किया है कि टीचरों, सीनियर छात्रों और कैब ड्राइवरों का ग्रुप अक्सर बच्चों को अलग-अलग ले जाता था। ऐसा भी हुआ जब टीचर, छात्र और ड्राइवर मिलकर बच्चों को अपने साथ ले गए। चिट्ठी के मुताबिक फोटोमिक रूम की एक टीचर जो कंप्यूटर पर बैठती हैं, हाजिरी का हिसाब भी उन्हीं के पास रहता है। छोटे वाले गेट का चौकीदार पैसे लेकर बाहर जाने देता है। सर, बेसमेंट में सिंगिंग के रूम में हम सब लोगों को ले जाकर हमारे बैग रखवाकर हमें छोटे गेट से पीछे के रास्ते से बाहर ले जाते थे। आईबीएन 7 के पास मौजूद इस चिट्ठी में लिखा गया है कि हमारे साथ दूसरे स्कूल की तीन लड़कियां भी होती थीं जो ब्लू ड्रेस और सफेद चुन्नी में होती थीं। हमारे अलावा स्कूल के सात और बच्चों के साथ यौन शोषण किया गया। सवाल ये कि क्या दिल्ली पुलिस कुछ इसलिए नहीं कर रही क्योंकि स्कूल का रिश्ता एक बड़े नेता से है। जवाब दिल्ली ही नहीं हर उस मां-बाप के लिए जरूरी है जिसका बच्चा स्कूल में पढ़ने जाता है।बच्चों के यौन शोषण के इस मामले में इलाके के पुलिसवालों की करतूत जाहिर होने के बाद जांच का जिम्मा क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया लेकिन फिर शुरू हुआ एक नया खेल। पुलिस की गाज उन लोगों पर गिर रही है जिन्होंने बच्चों की विधवा मां की मदद की। विधवा मां की मदद में दो लोग सबसे ज्यादा सामने आए। नतीजा ये कि पहले को इतनी धमकी दी गई कि वो शहर छोड़कर ही भाग गया जबकि दूसरे मददगार को दिल्ली पुलिस ने पिछले चार दिनों से उठा रखा है। अब पीड़ित बच्चों की मां को अपने साथ कोई खड़ा नजर नहीं आ रहा। डर ये कि दिल्ली पुलिस कहीं किसी फर्जी मामले में दूसरे पड़ोसी को भी गिरफ्तार ना कर ले। अब क्या करें माँ बाप ,किस किस पर विश्वाश करें और किस पर नहीं ,जब रक्षक ,शिक्षक ,ही भक्षक बन जाये तो क्या करें ??????????????????????????See More
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